हनी ट्रैप / कंटेंट की गोपनीयता सवालों में, 16 दिन में चौथी जांच टीम, 40 के हाथों से गुजरा गोपनीय कंटेंट

भोपाल (विशेष संवाददाता). हनी ट्रैप केस में चार बार जांच टीम बदले जाने से इससे जुड़े कंटेंट की गोपनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 10 दिन में तीसरी बार एसआईटी में बदलाव और इंदौर पुलिस की शुरुआती जांच से लेकर अब तक करीब 40 लोगों के हाथ से इस हाईप्रोफाइल केस से जुड़ा कंटेंट गुजरा है। खुद पुलिस अफसर भी मान रहे हैं कि हनी ट्रैप का कंटेंट बहुत फुल प्रूफ होने की सौ फीसदी गारंटी कोई नहीं दे सकता। अलग-अलग अफसरों ने कोर्ट में भी हनी ट्रैप से जुड़े कई दस्तावेज व साक्ष्य पेश किए हैं। ऐसे में सरकार द्वारा बनाई गई नई एसआईटी कंटेंट की गोपनीयता को लेकर खास एहतियात बरत रही है। गुरुवार को नए एसआईटी चीफ डीजी राजेंद्र कुमार ने कार्यभार संभाल लिया। एटीएस चीफ का प्रभार संजीव शमी ने एडीजी राजेश गुप्ता को सौंप दिया। 


राजेंद्र कुमार ने शमी से लिए दस्तावेज


डीजी राजेंद्र कुमार ने सायबर मुख्यालय में शाम 6 बजे संजीव शमी से ढाई घंटे बंद कमरे में बात की। शमी ने केस से जुड़े इलेक्ट्रऍनिक और दस्तावेजी साक्ष्य डीजी को सौंप दिए हैं। इससे पहले मंगलवार को एसआईटी चीफ बनने के बाद राजेंद्र ने इंदौर में एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र और अन्य अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की थी। हालांकि राजेंद्र कुमार ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया।